25 सितंबर को इंकलाबी नाटक मेले में शामिल होने की अपील की
हुसैनपुर (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ) (कौड़ा)-इंडियन रेलवे एंप्लाइज फेडरेशन के दिशा निर्देशों के तहत 19 सितंबर से 28 सितंबर तक चल रहे जन जागरण अभियान के तहत आज आरसीएफ के वर्कर क्लब से आर.सी.एफ कॉलोनी में विशाल मार्च निकाला गया। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना, रेलवे में अंधाधुंध बढ़ रही ठेकेदारी व आउटसोर्सिंग, रेलवे के निजीकरण, 44 श्रम कानूनों को चार कोड में बदलकर मजदूरों, कर्मचारियों के हक अधिकार छीनने, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई आदि के खिलाफ आरसीएफ परिवार को जागरूक करने के लिए पूरी आरसीएफ में मशाल मार्च निकाला गया। मशाल मार्च में केंद्र सरकार व रेल प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ पूरा गुस्सा फूटा व कर्मचारी एकता के नारों से आसमान गूंज उठा।
मशाल मार्च में बड़ी संख्या में शामिल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए साथी सर्वजीत सिंह, महासचिव, इंडियन रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन व आरसीएफ एम्पलाईज यूनियन ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना से रेलवे समेत 13 विभागों पर निजीकरण का एक और बड़ा हमला बोला है जिसके खिलाफ एकजुट वह बड़ा संघर्ष लड़ना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के बहुत सारे देश रेलवे निजीकरण के बुरे नतीजों के बाद रेलवे का राष्ट्रीयकरण करने पर मजबूर हो चुके हैं परंतु हमारे देश में पूंजीपतियों की दलाल मोदी सरकार अंधाधुंध निजीकरण के रास्ते पर चल रही है। जिसके खिलाफ पूरी भारतीय रेलवे में यह जन-जागरण अभियान चलाया जा रहा है ताकि बड़ा जन-आंदोलन खड़ा किया जा सके। उन्होंने आरसीएफ के कर्मचारियों को लंबे व निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए कहा कि एक बार फिर आरसीएफ के लोगों को अपने सुनहरी इतिहास को दोहराने का वक्त आ गया है।
अपने संबोधन में साथी बचितर सिंह, उपाध्यक्ष आरसीएफईयू ने कहा कि देश में चल रहे इतिहास किसान आंदोलन से सीखते हुए हमें केंद्र सरकार की देश, रेल, कर्मचारी व मेहनतकश लोगों के विरुद्ध नीतियों को चुनौती देने के लिए सभी कर्मचारियों एवं कर्मचारी संगठनों को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा सरकार व प्रशासन के विकास होने या रोजगार बढ़ने के दावों में कोई सचाई नहीं है। निजीकरण की नीतियों के पिछले 30 वर्ष का इतिहास चीख-चीख कर यह सचाई बयान कर रहा है।
सचाई यह है कि सरकार देश की कुल संपत्ति, धन-संपदा आदि पर चंद पूंजीपतियों का कब्जा करवा दुबारा कंपनी राज स्थापित करना चाह रही है। साथी बचितर सिंह ने *25 सितंबर दिन शनिवार को शहीद भगत सिंह विचार मंच द्वारा करवाए जा रहे इंकलाबी नाटक मेले में परिवारों समेत बढ़ चने की अपील की। उन्होंने कहा कि नाद रंगमंच पटियाला की टीम बेहतरीन नाटक “अंसी अन्नदाता हुने हां” पेश करेगी। साथ ही किसान नेता साथी राजेंद्र सिंह दीप सिंह वाला संघर्षशील लोगों का स्नेहा हमारे साथ सांझा करेंगे और शहीद भगत सिंह विचार मंच की टीम नाटक पेश करेगी “उसने कहा था” और इंकलाबी गीत संगीत के प्रोग्राम पेश किए जाएंगे।
मशाल मार्च में मुख्य रूप में साथी परमजीत सिंह खालसा, मनजीत सिंह बाजवा, हरविंदरपाल, नरेंद्र कुमार, परविंदर सिंह, दलवारा सिंह, शरणजीत सिंह, तलविंदर सिंह, भरत राज, तरलोचन सिंह, अमरीक सिंह गिल, जसपाल सिंह सेखों, एसपी सिंह, दिलबाग सिंह, गुरजिंदर सिंह, गुरचरण सिंह, बाबा अजैब सिंह, विनोद कुमार राजवीर सिंह, अरविंद कुमार, धर्मपाल, चंद्रभान, परमजीत सिंह, कर्म सिंह, तरसेम सिंह गोगी, सुरेंद्र कुमार आदि विशेष रूप में हाजिर थे शामिल थे
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