अरुंधती राय पर यूएपीए लगाया जाना निंदनीय

प्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती राय

आईपीएफ की अपील, सभी राजनीतिक दल इसका करें विरोध

(समाज वीकली)

लखनऊ: प्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती राय पर दिल्ली के उप राज्यपाल व्दारा यूएपीए लगाने की अनुमति देना निंदनीय है और उन पर लगे मुकदमें तत्काल वापस लिए जाएं। यह बात आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा है कि चौदह साल पुराने और प्राइवेट व्यक्ति सुशील पंडित द्वारा कोर्ट के माध्यम से कायम करवाये मुकदमें में यूएपीए कायम करना बदले की भावना से की गई कार्रवाई है। इतने लंबे समय के बाद अरुंधती राय पर यूएपीए लगाया जाना मोदी सरकार की सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों  एवं लेखकों के उत्पीड़न की पूर्व से चली आ रही नीति का ही हिस्सा प्रतीत होती है। लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने मोदी सरकार की दमन की अलोकतांत्रिक कार्रवाई को खारिज किया है पर इससे सबक लेने की जगह आज भी सरकार असहमति की आवाजों को कुचलने में लगी हुई है।

आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर समाज के सभी हिस्सों, राजनीतिक पार्टियों, नागरिक समाज से अरुंधती राय के मोदी सरकार व्दारा किए जा रहे उत्पीड़न के विरोध में खड़े होने का आवाहन करता है।

एस आर दारापुरी,राष्ट्रीय अध्यक्ष,आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट।

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