कपूरथला (कौड़ा)- शहीद भगत सिंह विचार मंच रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने महिला दिवस को समर्पित स्थानीय वर्कर्स क्लब में एक सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत छोटी बच्ची कन्नू प्रिया और रिम्पल के गीतों से हुई। हिंदू कन्या कॉलेज के पंजाबी विभाग की प्रमुख मैडम भूपिंदर कौर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि 21वीं सदी की महिला नारीवादी और मध्यकालीन आदर्शवादी महिला की छवि के बीच खड़ी है. कुछ व्यक्तिगत विकल्प स्वतंत्रता के भ्रम पर आधारित होते हैं। हमारे समाज में, सभी वर्गों, जातियों, धर्मों और क्षेत्र की महिलाएं अपने जिम्मेदार जीवन को बेहतर बनाने और समान अधिकार प्राप्त करने के लिए अपने स्तर पर संघर्ष कर रही हैं।
मुख्य वक्ता, प्रसिद्ध विद्वान और लेखक डॉ. अनूप सिंह ने कहा कि लड़कियों को इस मानव रचना में आने और रहने के लिए कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। पितृसत्तात्मक समाज में अधिकांश निर्णय पुरुषों द्वारा लिए जाते हैं। यहां तक कि विस्थापन, दंगों या युद्धों में भी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। बड़ी बात यह है कि बिना रसोई और घर में काम करने वाली महिला की मजदूरी करीब 6 घंटे है। अगर उस घर के काम को मजदूरी के तौर पर गिना जाए तो देश की जीडीपी के आंकड़े ही बदल जाएंगे। डॉ साहब ने कहा कि केवल महिला दिवस मनाने से किसी महिला के जीवन में कोई बदलाव नहीं आएगा।
परमिंदर कौर ने मंच प्रबंधन की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। प्रधानगी मंडल में गुरमीत कौर, इंद्रजीत कौर, मैडम कांता, मोनिका और भूपिंदर कौर शामिल थे। इसके अलावा आशा रानी, वीना रानी, दर्शन रानी, स्वराज, अमन कौर, शैली शर्मा आदि शामिल थे। मंच सचिव चंद्रभान, अध्यक्ष अमरीक सिंह, धर्म पाल, भारत राज, बूटा राम, राम दास, तरसेम सिंह गोगी, अश्विनी कुमार, नवनीत, अनिल कुमार आदि उपस्थित थे
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