यूपी में किसानों की हत्या हाकिमों की बौखलाहट का नतीजा है- आर.सी.एफ.ई.यू
हुसैनपुर (ਸਮਾਜ ਵੀਕਲੀ) (कौड़ा)-आर.सी.एफ एम्पलाईज यूनियन की एक हंगामी मीटिंग साथी परमजीत सिंह खालसा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर प्रशासन द्वारा किए गए बर्बर अत्याचार की पुरजोर निंदा की गई।
मीटिंग को संबोधित करते हुए साथी परमजीत सिंह खालसा ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान पिछले 1 वर्ष से ज्यादा समय से लोकतांत्रिक तरीके से अपना व समाज का अस्तित्व बचाने का संघर्ष लड़ रहा है परंतु देश की केंद्र सरकार तानाशाह बनी हुई है। किसान नेताओं से 11 दौर की वार्ता के दौरान केंद्र सरकार कृषि विरोधी कानूनों में संशोधन तथा कानूनों को सस्पेंड करने की बात मान चुकी है परंतु देश का प्रधानमंत्री अंबानी-अदानी जैसे पूंजीपतियों की भाषा बोल रहा है। और कृषि विरोधी कानूनों को किसानों के पक्ष में बता रहा है। साथी खालसा ने कहा कि यह लोकतांत्रिक देश की बदकिस्मती है।
साथी सर्वजीत सिंह, महासचिव, इंडियन रेलवे एम्पलाईज फेडरेशन एवं आरसीएफ एम्पलाईज यूनियन ने कहा कि लखीमपुर खीरी में संघर्षशील किसानों पर हमला देश के हुक्मरानों की बौखलाहट का नतीजा है। जिसने संघर्षशील किसानों समेत दस लोगों की जान ले ली। उन्होंने कहा कि यूपी के उपमुख्यमंत्री का विरोध कर रहे किसानों को भाजपा के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के गुंडागर्द बेटे द्वारा गाड़ी से कुचल कर मार दिया गया। उन्होंने कहा कि यूनियन योगी सरकार की गुंडागर्दी की पुरजोर निंदा करती है और शहीद किसानों के परिवारों के साथ तथा जख्मी हुए किसानों के साथ हमदर्दी प्रकट करती है।
उन्होंने कहा कि आरसीएफ एम्पलाईज यूनियन संयुक्त किसान मोर्चा तय एक्शनों का समर्थन करती है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस हत्याकांड के दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने, मृतकों के परिवारों तथा घायल होने वालों को मुआवजा देने, तीन कृषि विरोधी कानूनों को तुरंत वापस लेने, श्रम कानूनों के साथ खिलवाड़ बंद करने तथा रेलवे समेत तमाम सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।
मीटिंग में साथी दर्शन लाल, हरविंदर पाल, अमरीक सिंह गिल, मनजीत सिंह बाजवा, बचित्तर सिंह, नरेंद्र कुमार, शरणजीत सिंह, तलविंदर सिंह, तरलोचन सिंह, परविंदर सिंह, दलवारा सिंह, सुखविंदर सिंह सुखी, गुरतेज सिंह, बाबा अजैब सिंह, अरविंद कुमार शाह, दलजीत सिंह थिंद आदि विशेष रूप में हाजिर थे।
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