राज्यसभा सांसद इलैयाराजा को मंदिर में घुसने नहीं दिया गया…

#समाज वीकली 

राज्यसभा सांसद इलैयाराजा को मंदिर में घुसने नहीं दिया गया… इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं उनकी धर्मपत्नि के साथ मंदिर में धक्का मुक्की हुई थी…
जब देश के शीर्षतम पद पर बैठे व्यक्ति के साथ भेदभाव हो रहा है तो देश के मूलनिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार का अंदाजा आप लगा लीजिए… हालाँकि कुछ लोगों का यह भी सवाल रहता है कि जब इतना बेइज्जती होता है तो मंदिर जाना ही क्यों… लेकिन क्या मंदिर किसी एक जाति की सम्पत्ति है? अगर हाँ तो किस आधार पर ऐसा है, इसका खुलासा होना चाहिए… जिम्मेदार कौन?
#या हिन्दू राष्ट्र ऐसे ही बनेगा।

#तमिलनाडु के श्रीविल्लिपुथुर के आंदल मंदिर में प्रसिद्ध संगीतकार और राज्यसभा सांसद इलैयाराजा के साथ जातिगत भेदभाव का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मंदिर के पुजारी ने उन्हें गर्भगृह (मंदिर के मुख्य स्थान) में प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया.

7000 से ज्यादा गीतों की हैं रचना

इलैयाराजा अपने संगीत के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. उन्होंने मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय भाषाओं में बनी फ़िल्मों में संगीत दिया है. उन्होंने 7000 हजार से ज्यादा गीतों की रचना की है. इसके अलावा उन्होंने बीस हजार से अधिक कान्सर्ट में हिस्सा लिया हैं. उन्हें “इसैज्ञानी” (संगीत ज्ञानी) के उपनाम से जाना जाता है.

मिले हैं कई बड़े सम्मान

इलैयाराजा को शताब्दी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्हें पांच नेशनल अवार्ड मिले हैं. भारत ने उन्हें 2010 में पद्मभूषण से और 2018 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया था. 2012 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वो लंदन के ट्रिनिटी संगीत महाविद्यालय से क्लासिकल गितार वादन में स्वर्ण पदक विजेता हैं.

बता दें कि उनका जन्म 3 जून 1943 को भारत के तमिलनाडु के वर्तमान थेनी जिले के पन्नईपुरम के एक तमिल परिवार में ज्ञानथेसिगन के रूप में हुआ था. उनकी और जननेता एम. करुणानिधि दोनों की जन्मतिथि एक ही तारीख (3 जून) को है. इसी वजह से उन्होंने अपनी जन्मतिथि 2 जून को मनाने का फैसला किया था, ताकि लोग केवल करुणानिधि की जन्मतिथि 3 जून को मना सकें. इसके बाद उन्हें “इसाइगनानी” की उपाधि दी गई थी.

 

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