राहुल सांकृत्यायन की विरासत संवर्धन (संरक्षण) अभियान
निजामाबाद, जन्मस्थल ननिहाल पन्दहाँ और पैतृक ग्राम कनैला में दो दिवसीय कार्यक्रम
राहुल सांकृत्यायन की बाल पाठशाला
मुख्य अतिथि- प्रसिद्ध शिक्षाविद मैग्सेसे सम्मानित डॉo संदीप पाण्डेय होंगे
आजमगढ़ को अंतरराष्ट्रीय क्षितिज से जोड़ने के लिए भारत में किसान आंदोलन के प्रणेता, महान घुम्मकड़, बौद्ध वांग्मय के विख्यात त्रिपिटकाचार्य राहुल सांकृत्यायन से नई पीढ़ी को परिचित कराने के लिए एक सांस्कृतिक अभियान।
(समाज वीकली)- आजमगढ़ जनपद में राहुल सांकृत्यायन से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा और विरासत के संवर्धन के लिए राहुल सांकृत्यायन की विरासत संवर्धन अभियान की ओर से 11 और 12 दिसंबर 2023 को राहुल सांकृत्यायन के जीवन की बाल पाठशाला, उनके जन्मस्थल पन्दहा और मूल पैतृक ग्राम कनैला में आयोजित राहुल सांकृत्यायन की विरासत बचाओ कार्यक्रमों में आपकी उपस्थिति प्रार्थित है.
इस अभियान के तहत महापंडित की बाल पाठशाला को राहुल सांकृत्यायन स्मारक के रूप में विकसित करने,उनके जन्मस्थल, मूल पैतृक ग्राम और उनके जीवन संघर्ष से जुड़े देश-दुनियाँ के सभी स्थलों को चिन्हित कर महान यायावर राहुल सांकृत्यायन की धरोहर व विरासत को आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा के लिए सुरक्षित-संरक्षित करने की कोशिश की जाएगी. इस अभियान के तहत राहुल सांकृत्यायन की यायावरी के प्रेरक उनके फौजी नाना और उनके प्राथमिक गुरु महादेव पंडित और मौलवी गुलामगौस और उनके बाल सखाओं भी को याद किया जाएगा।
राहुल सांकृत्यायन का जन्म शताब्दी वर्ष 1994 में भारत, रूस, नेपाल, श्रीलंका, जापान सहित दुनियाँ के कई देशों ने आयोजित किया गया था. जाहिर है कि महापंडित राहुल सांकृत्यायन शेक्सपियर, मैक्सिम गोर्की, चेखव, टाल्सटॉय की तरह दुनियाँ के देशों में प्रसिद्ध एक महान लेखक के साथ-साथ महामानव की तरह सम्मानित हैं. उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार से हम गाँधी हैरिटेज की तरह “राहुल सांकृत्यायन हैरिटेज” के संवर्धन की माँग करेंगे.
1893 में आजमगढ़ स्थित मूल पैतृक ग्राम कनैला व ननिहाल ग्राम पन्दहाँ के कृषक कुल में जन्में केदार पाण्डेय कालांतर में महापंडित, त्रिपिटकाचार्य, पद्मभूषण राहुल सांकृत्यायन के रूप में विश्व विख्यात हुए. 36 भाषाओं के जानकार राहुल सांकृत्यायन ने अपने ननिहाल के निकटवर्ती दो प्राथमिक विद्यालयों (रानी की सराय व निजामबाद) से सातवीं (मीडिल) तक की शिक्षा हासिल की थी. उनके द्वारा लिखित 155 पुस्तकों पर आज दुनियाँ के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में शोध हो रहे हैं.
राहुल सांकृत्यायन ने दुनियाँ के सबसे बड़े प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा, विक्रमशिला, उदंतपुरी से लुप्त भारतीय ज्ञान की खोज में दुनियाँ की सबसे खतरनाक यात्रा कर तिब्बत की गुफाओं से 6 हजार से ज्यादा पांडुलिपियों को खच्चरों पर ढोकर भारत लाया था. महात्मा बुद्ध के बिखरे ज्ञान भंडार को अकादमिक स्वरूप देने की वजह से दुनियाँ के देशों में राहुल जी को बुद्ध के दूत, प्रवक्ता, उत्तराधिकारी का सम्मान प्राप्त हुआ.
देश के स्वतंत्रता संग्राम में 9 वर्ष जेलों में बिताने वाले महान यायावर ज्ञानी से नई पीढ़ी को परिचित कराने की जरूरत है. आजमगढ़, उत्तर-प्रदेश, बिहार और संपूर्ण भारत को महान राहुल सांकृत्यायन पर गर्व है. दुनियाँ के अनेक देशों में भारतीय ज्ञान का ध्वज लहराने वाले राहुल सांकृत्यायन के जीवन से जुड़े स्थलों, स्मृतियों को दुनियाँ के अध्येताओं, पर्यटकों के लिए सुरक्षित, संवर्धित करने से हमारा मान बढ़ेगा. महापंडित राहुल सांकृत्यायन से जुड़े स्थलों के संवर्धन से कस्बाई आजमगढ़ को विश्व के मानचित्र पर जोड़ने में मदद मिलेगी.
11 दिसंबर 2023 को 11 बजे दिन से- राहुल पूर्व माध्यमिक विद्यालय, निजामाबाद (सांकृत्यायन की बाल पाठशाला)
11 दिसंबर 2023 को 2 बजे से- महापंडित राहुल सांकृत्यायन लाइब्रेरी,पन्दहाँ स्थित राहुल सांकृत्यायन का जन्मस्थल
12 दिसंबर 2023 को दिन के 11 बजे से महापंडित राहुल सांकृत्यायन बालिका इंटर कॉलेज,कनैला (आजमगढ़) में.
मुख्य अतिथि-शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ. संदीप पाण्डेय
निवेदक – महापंडित राहुल सांकृत्यायन की विरासत संवर्धन अभियान।
संयोजक- पुष्पराज एवं राजीव यादव
संपर्क- पुष्पराज- 7542058276, मदनमोहन सांकृत्यायन (पाण्डेय) कनैला)- 94521 82363, राधेश्याम पाठक,पन्दहाँ 9935595757, राजीव यादव- 82104 37705
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