भारत भर के सैकड़ों चिंतित नागरिकों और जन संगठनों से नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को खुला पत्र !
सभी विस्थापितों के संपूर्ण पुनर्वास होने तक, सरदार सरोवर जलाशय का स्तर 122 मीटर बनाए रखें !
19 जून, 2024: नर्मदा सत्याग्रह और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर का अनिश्चितकालीन उपवास के पांचवें दिन, भारत-भर से सैकड़ों चिंतित नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, पर्यावरणविदों, फिल्मकर्ता, भूतपूर्व अधिकारी, नारीवादियों, युवा कार्यकर्ताओं और जन संगठनों ने नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण और अन्य अधिकारियों को एक खुला पत्र लिखकर, आंदोलन के न्यायपूर्ण मांगों को मंजूर करने का आह्वान किया। सभी विस्थापितों के संपूर्ण पुनर्वास होने तक, सरदार सरोवर जलाशय का स्तर 122 मीटर बनाए रखने के प्रमुख मांग को उन्होंने समर्थन दिया।
पिछले चार दशकों में नर्मदा बचाओ आंदोलन की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, पत्र में कुछ महत्वपूर्ण व ज्वलंत मुद्दों को उठाया गया, जैसे; कुछ हज़ार परिवारों का लंबित पुनर्वास; दलित, आदिवासी विस्थापितों, मछुआरों की विशेष जटिल स्थिति, धोखे से संशोधित बैक वॉटर लेवल को रद्द करने की ज़रूरत, नर्मदा जलाशयों की प्रभावी विनियमन और निगरानी में त्रुटियाँ, जिसके कारण 2023 में बड़े पैमाने पर फसल, मकान और पशुधन का नुकसान हुआ, बांध के निचले इलकों में भी बाढ़ और इन सबकी भरपाई करने की आवश्यकता है।
देश-भर से याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं: डॉ. ई.ए.एस शर्मा, आनंद पटवर्धन, प्रो. रमा मेलकोटे प्रफुल्ल सामंतरा, आशीष कोठारी, प्रो. अनिल सद्गोपाल, डॉ. रोज़मेरी दज़ुविचू, शरद बेहार, कविता कुरुगंटी, फादर. सेड्रिक प्रकाश, डॉ. रूप रेखा वर्मा, तीस्ता सीतलवाड, ऍड. क्लिफ्टन डी‘ रोज़ारियो, जाहिद परवाज़ चौधरी, डॉ. सुधीर वोम्बटकेरे, माधुरी, नीलम अहलूवालिया, ऍड. शालिनी गेरा, सी.आर नीलकंडन, हसीना खान, तुषार गांधी, नित्यानंद जयारमन, ऍड. इंदिरा उन्नीनायर, ऋचा सिंह, रोहित प्रजापति, सुक्ला सेन, हिमांशु ठक्कर, महेंद्र यादव, डॉ. गैब्रिएल डिट्रिच, ऍड. विनय श्रीनिवास, ऍड. पूर्णिमा उपाध्याय, मोहम्मद इशाक वन गुज्जर, कैलाश मीणा, नबिंदर सिंह, सिमिन अख्तर, उस्मानगनी, डॉ. सुनीलम, मलिका विरदी, मधु बाधुरी, पवन मुंथा और कई अन्य साथी।
हस्ताक्षरकर्ताओं ने आंदोलन की प्रमुख मांगों का समर्थन किया और अधिकारियों से निम्न मांगों को सुनिश्चित करने का आग्रह किया:
Ø सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित सभी लोगों का कानून एवं न्यायिक आदेशों के अनुसार, संपूर्ण एवं तत्काल पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।
Ø 2023 तक हुए सभी नुकसान का मुआवजा तुरंत दिया जाना चाहिए।
Ø संशोधित बैकवाटर लेवल रद्द करें; 15,946 परिवारों को पुराने स्तर के आधार पर पुनर्वासित करें।
Ø शिकायत निवारण प्राधिकारियों (जी.आर.ए) में उचित नियुक्तियां सुनिश्चित करें और जी.आर.ए के समक्ष लंबित आवेदनों का उचित, न्यायपूर्ण समाधान सुनिश्चित करें।
Ø कानून, नीति और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, जब तक सभी प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो जाता, तब तक सरदार सरोवर का जल स्तर 122 मीटर पर बनाए रखें।
हस्ताक्षरकर्ताओं ने निवेदन किया कि आंदोलन पर सरकार किसी भी प्रकार की दमन का रुख न अपनाए और लोगों के कानूनी, मानवीय और संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करें। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के अध्यक्ष को संबोधित पत्र को प्रधान मंत्री, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री, केन्द्रीय सामाजिक न्याय व सशक्तीकरण मंत्री, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों और अध्यक्ष, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को भी भेजा गया और आग्रह किया गया कि कानून और लोगों की मांगों का न्यायपूर्ण निराकरण किया जाए।
विवरण के लिए संपर्क करें: napmindia@gmail.com
एन.सी.ए को लिखा गया पूरी याचिका और हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची संलग्न हैं:
पत्र पर आप अभी भी यहाँ समर्थन कार सकते हैं: https://forms.gle/eu2k96PrXRejdsss7