कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी वर्ष में सामाजिक न्याय मंच की बैठक
जातिवार जनगणना क्यों जरूरी
(समाज वीकली)- बिहार सरकार द्वारा जातिवार जनगणना कराने के बाद देश में जातिवार जनगणना की आवश्यकता पर बहस तेज हो गई है।
सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक डॉ. राम मनाहर लोहिया ने तो नारा ही दिया था कि ‘सौ में पावें पिछड़े साठ, सोशलिस्टों ने बांधी गांठ।‘ सोशलिस्ट पार्टी के दूसरे संस्थापक जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में इंदिरा गांधी की तानाशाही को परास्त कर जब जनता पार्टी की सरकार बनी तब उसने मण्डल आयोग का गठन किया। विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में जब समाजवादियों की सरकार बनी तब उसने मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू किया। और अब सोशलिस्ट विचार को मानने वाले नीतीश कुमार ने आजादी के बाद देश में पहली बार बिहार में जातिवार सर्वेक्षण कराया है।
इस तरह सोशलिस्ट विचार का जातिवार जनगणना और आरक्षण को हमेशा वैचारिक समथर्न रहा है और आज फिर जरूरत पड़ी है कि इस विषय पर बात हो। बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जम्न शताब्दी वर्ष में इस बात पर विचार करने कि लिए बैठक रखी गई कि जो पिछड़ी और दलित जातियां अभी भी आरक्षण के लाभ से वंचित हैं उन्हें कैसे यह लाभ मिले। सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण की सीमा पर 50 प्रतिशत की रोक लगा कर उनके साथ अन्याय किया है जो आरक्षण के लाभ से वंचित रह गए हैं। इसलिए कई राज्य इस बात को महसूस कर अपने कानून बना कर इस रेखा को पार कर रहे हैं।
इसके अलावा यह भी एक सवाल है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ा वर्ग में आने वाली सभी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण का लाभ मिले और ऐसा न हो कि किसी श्रेणी में एक या दो जातियां ही आरक्षण का बड़ा लाभ उठाएं व उसी श्रेणी की अन्य जातियां वंचित रह जाएं। इसलिए इन श्रेणियों का अंदरूनी विभाजन भी करना होगा।
अल्पसंख्यक वर्ग को भी आरक्षण दिए जाने की बात होनी चाहिए। यदि यह देखा जाए कि अल्पसंख्याकों की नौकरियों, उच्च शिक्षण संस्थानों व जन प्रतिनिधियों के पदों पर कितनी भागीदारी है तो यह तर्क खारिज हो जाएगा कि आरक्षण सिर्फ जाति के आधार पर होना चाहिए, धर्म के आधार पर नहीं। हमें संविधान में दिए इस दिशा निर्देश का पालन रखना चाहिए कि आरक्षण की आवश्यकता इसलिए पड़ती है कि किसी श्रेणी के लोग शिक्षा, नौकरी या जन प्रतिनिधियों के पदों से वंचित रह गए हैं।
महिला आरक्षण का सवाल इस रूप में असानी से हल किया जा सकता है कि यदि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान हो जाए तो आरक्षण की सभी श्रेणियों को आधा-आधा स्त्री व पुरुषों में बांटा जा सकता है।
अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ मुस्लिम व ईसाई दलितों को भी उसी तरह मिलना चाहिए जैसे अन्य दलितों को मिलता है।
बैठक में सामाजिक न्याय मंच के अध्यक्ष संतोष कुमार धरकार, किसान नेता राजीव यादव, यादव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार यादव, कर्मवीर आजाद, डाक्टर आरपी गौतम, निशांत राज, नरेंद्र प्रताप यादव, अखंड भारत मिशन के संयोजक अचल सिद्धार्थ यादव, केपी यादव, आदियोग, डाक्टर मलखान सिंह, मुन्ना लाल, मुमताज अहमद, सर्वेश यादव, प्रोफेसर ओसामा, राजीव, विनीत यादव, प्रवीण श्रीवास्तव, अशोक, मुहम्मद अहमद, एडवोकेट इमरान, पुलकित मौजूद रहे.
संतोष धरकार, 9918811384, 9807194828, राजीव यादव, 8210437705, अमित मौर्य, 9793125579, पवन यादव, 9795000546, देवेश पटेल, 9811508843, सचेन्द्र यादव, 9984547894, 7309779902, सामाजिक न्याय मंच, सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया),