(समाज वीकली)
In Conversation with ……
बिहार मे इस समय हालात बहुत अच्छे नही है लेकिन हमेशा चुनावी मोड मे रहने वाली सरकार ने अपनी तैय्यारी शुरु कर दी है. विपक्ष की स्थिति अभी घायल अवस्था वाली ही है क्योंकि इसके मुख्य नेता श्री लालू प्रसाद यादव जेल में ही है और अब राजद की कमान युवा तेजस्वी के हाथो में है। विपक्ष में नेतृत्व को लेकर बड़ा बिखराव नज़र आ रहां है और लोग यही कह रहे हैै यदि लालू प्रसाद यादव नेतृत्व की भूमिका में होते तो शायद स्थिति दूसरी होती.
मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू हुए ३० वर्ष हो गये है और मंडल उपरांत राजनीति में लालू यादव मसीहा की भूमिका में रहे लेकिन आज इतने वर्षो बाद स्थितियां बहुत बदल गयी है और लोग भी सवाल कर रहे है. दिल्ली में सामजिक सरोकारों से जुड़े द मार्जिनलाइज्ड प्रकाशन ने श्री लालू प्रसाद यादव के संसद और विधान सभा में दिए गए भाषणों का एक संकलन प्रकाशित किया है. हमने इस पुस्तक पर चर्चा के सहारे बिहार की वर्तमान राजनैतिक हालातो को जानने प्रयास किया के कैसे बिहार चुनावों में लालू जी की व्यक्तिगत स्थिति इनको प्रभावित करेगी और सबसे महत्वपूर्ण यह के सामजिक न्याय की राजनीती का भविष्य क्या है.
७ अगस्त को हुई इस परिचर्चा में श्रीमती ताहिर हसन, प्रख्यात सामजिक कार्यकर्ता, , द मार्जिनलाइज्ड प्रकाशन की ओर से श्री संजीव चन्दन और श्री अरुण कुमार ने अपने विचार व्यक्त किये। परिचर्चा का संचालन श्री विद्या भूषण रावत ने किया.
पुस्तक सदन में लालू प्रसाद : प्रतिनिधि भाषण उन सभी जरूरी है जो बिहार की राजनीती और सामजिक न्याय की शक्तियों के इतिहास को समझना चाहते है. इस पुस्तक के सहारे ही हम बहुत सी बातो का विश्लेषण कर सकते है जो मंडल आंदोलन के बाद की राजनीति से जुडी है.
हमें आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा।
Mandal Commission Report was accepted by the National Front government led by Prime minister V.P Singh on August 7th, 1990. It created a storm all over the country and attempt were made to thwart it. The BJP started the Ayodhya movement after that. Mandal brought wider change in the political spectrum of the country particularly Uttar Pradesh and Bihar where leadership shifted to OBCs and Dalits. Lalu Yadav was considered to be the biggest leader emerged after that. On this occasion, we organised a panel discussion with eminent Social Activist and writer Ms Tahira Hasan, Mr Sanjeev Chandan, author and editor Streekal and Mr Arun Kumar. The Marginalised Publication has brought out a book on the compilation of speeches of Lalu Prasad Yadav in Bihar Assembly as well as in Parliament. The book is in Hindi language. The book : Sadan me Lalu Prasad : Pratinidhi Bhashan’ is an important introduction to all those who are interested to know the political history of social justice movement post 1990 particularly in Bihar and how Lalu Yadav’s is not merely a politicians of grassroots but can easily be called as master communicator. This book can be ordered on Amazon too and also through The Marginalised Publications.
We hope you will enjoy this discussion and look forward to hearing from you:-
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