समाज वीकली यू के
वारित्रा फाउंडेशन ने अपने सातवें स्थापना दिवस को फाउंडेशन से जुड़े नए-पुराने साथियों, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के अगुआ व्यक्तियों, और ग्रामीण नारीशक्ति के साथ मिलकर होली मिलन समारोह मनाया। 9 मार्च का यह आयोजन न सिर्फ़ वारित्रा की यात्रा का जश्न था, बल्कि समाज के प्रति हमारे संकल्प को नई ऊर्जा देने का एक पावन अवसर भी रहा।
इस अवसर पर वारित्रा फाउंडेशन के बोर्ड मेम्बर एवं सलाहकार डॉ. रामजी जी लाल (सेवानिवृत्त प्राचार्य, दयाल सिंह कॉलेज) ने कहा, “वारित्रा की टीम ने शिक्षा के माध्यम से समाज में जो बदलाव लाया है, वह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।”
वहीं, करनाल जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) श्रीमती सुदेश कुमारी जी ने वारित्रा फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने का यह अभियान सच्ची लगन का परिचायक है।”
इस कार्यक्रम को यादगार बनाने में प्रख्यात संगीतकार श्री ईश्वर शर्मा जी और श्री हेमंत शर्मा जी की टोली ने अहम भूमिका निभाई। उनके लोकगीतों और संगीत ने माहौल को ऊर्जा से भर दिया। गीतों के बीच “होली के रंग” और “शिक्षा की अलख” थीम पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध किया ।
होली मिलन समारोह में खेल प्रतियोगिताएं भी रखी गई जिसमे विभिन्न गावों से आई हुई लड़कियों एवं महिलाओं ने बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया । वारित्रा फाउंडेशन की डायरेक्टर एवं फाउन्डर एषणा कल्याण ने कहा – “ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों एवं महिलाओं के खेलों पर बहुत तरह के पाबंद लगाया जाता है । एक उम्र के बाद लड़कियों का खेलना लगभग बंद हो जाता है । इससे उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास पर बहुत असर पड़ता है । ऐसे में वारित्रा फाउंडेशन ने मुहिम चलाई है कि वो गाँव-गाँव जाकर लड़कियों एवं महिलाओं के लिए खेल कार्यक्रम करेगा ।
वारित्रा फाउंडेशन पिछले सात सालों से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों खासकर लड़कियों के सम्पूर्ण विकास, स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण पर काम कर रही है । इन सात सालों में वारित्रा फाउंडेशन ने 42 विद्यालाओं के जरिए 12000+ छात्रों के साथ काम किया है । वारित्रा फाउंडेशन की इस यात्रा में 120 से भी ज्यादा स्थानीय युवाओं ने सक्रिय भागदारी निभाई है ।
वारित्रा फाउंडेशन के दूसरे डायरेक्टर बलजीत यादव का कहना है “हमारी इस यात्रा का हर कदम समाज के विश्वास और लोगों के सहयोग से हुआ है । वारित्रा फाउंडेशन इस उत्सव की सफलता का श्रेय अपने दानदाताओं, स्वयंसेवकों, और स्थानीय समुदाय को देते हैं। वारित्रा फाउंडेशन का संदेश – आइए, होली के इस पावन पर्व पर हम सब मिलकर “शिक्षा, संस्कृति और समरसता” के रंग बिखेरें!