पूर्वांचल के दलित कार्यकर्ता धीरेन्द्र प्रताप और उनके भाई योगेंद्र प्रताप को बीती रात 2 बजे पुलिस ने उठाया, परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित
लखनऊ (समाज वीकली)- पूर्वांचल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्वांचल में दलित उत्पीड़न के खिलाफ सक्रिय दलित कार्यकर्ता धीरेन्द्र प्रताप और उनके भाई योगेंद्र प्रताप को कल बीती रात उ. प्र, पुलिस ने उठा लिया।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि वरिष्ठ बुद्धिजीवी सिद्धार्थ रामू ने बताया है कि जब उनके पिता रामगुलाम भारती कैंट थाना गए और अपने बेटों के बारे में पूछा कि वे कहां हैं और उन्हें कहा ले जाया गया है, तो पुलिस का कहना है कि हमें नहीं पता है पुलिस ने उन लोगों को उठाया है कि नहीं? और वे कहां हैं।
परिवार और संगठन के सदस्यों को आशंका है कि पुलिस उनका इनकाउंटर कर सकती है।
पूर्वांचल सेना का गठन 2006 में हुआ था। तब से यह संगठन दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ कार्य कर रहा है। इसके छात्र विंग का नाम असुर।
सिद्धार्थ रामू ने असुर के गोरखपुर जिला अध्यक्ष मंजेश से बात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस कुछ भी बता नहीं रही है।
गौरतलब है कि चंद दिनों पहले गोरखपुर के गांव कुसमौल में प्रधान विवेकशाही द्वारा भावी प्रधान प्रत्याशी सोनू जाटव को भद्दी-भद्दी गालियां दी गई थीं। इसके खिलाफ पूर्वांचल सेना और धीरेंद्र ने मोर्चा खोल दिया था और पुलिस को बाध्य होकर प्रधान के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट लगाना पड़ा था, लेकिन प्रधान की गिरफ्तारी नहीं हुई और उसने बाद में पुलिस के सामने दलित टोले में जाकर दलितों को गालियां दी और पुलिस मूकदर्शक देखती रही। इसके वीडियो भी है।
धीरेंद्र लगातार अपने साथियों के साथ विवेक शाही की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
द्वारा-
राजीव यादव
महासचिव, रिहाई मंच
9452800752