कपूरथला (समाज वीकली) (कौड़ा)- कपूरथला के इतिहासिक गांव खोजेवाल की धरती पर पहली बार भीमां कोरे गांओं को समर्पित और गांव में लाइब्रेरी (पुस्तकाल्य) के उदघाटन संबंधी समागम करवाया गया। डॉ बी आर अंबेडकर लाइब्रेरी का उदघाटन कपूरथला के एमएलए राणा गुरजीत सिंह ने किया। इस शुभ असवर पर बोलते हुए राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि मेरे सियासी जीवन में यह पहली लाइब्रेरी है जिसका मुझे उदघाटन का मौका मिला है। बाबा साहिब दुनिया में महान विदवान हुए हैं जिन्होनें आजादी के पहले भी और आजादी के बाद भी देश की सेवा की है। बाबा साहिब ने भारत को दुनिया का बेहतर संविधान दिया है जिसकी आज पूरे विशव में चर्चा हो रही है। किसी को ज्ञान देना सब से उत्म कार्य है। ज्ञानवान व्यक्ति हजारों लोगों को रौशनी बांटता है, अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाये ताकि वह अपने अधिकारों की सुरक्षा कर सके। उन्होंने अपने कोटे से लाइब्रेरी को एक लाख रुपए देने का वायदा किया।
उदघाटनी समारोह के बाद भीमा कोरे गांओं को समर्पित विशाल समागम हुआ जिसकी प्रधानगी बसपा पंजाब के महासचिव बलविंदर कुमार करतारपुर, जिला कपूरथला के प्रधान राकेश कुमार दातारपुरी, भारत मुक्ति मोर्चा पंजाब के प्रधान रजिंदर कुमार राणा, महिला विंग उपप्रधान मैडम सिमरनजीत कौर, डा. इंद्रजीत कुमार कजला, वरियाना गांव के सरपंच राजेश कुमार, समाज सेवक जसविंदर करड़ा खोजेवाल आदि ने सांझे तौर पर की। बाबा साहिब की तसवीर को फूलमाला अर्पित करने के बाद मंच का संचालन बाबा साहिब डॉ बी आर अंबेडकर सोसायटी आर सी एफ के महासचिव धर्म पाल पैंथर ने भीमा कोरे गांओं के इतिहास संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि यह लड़ाई एक जनवरी 1818 को महाराष्ट्र में महारें और पेशवा जाति के बीच हुई थी जिसमें 500 महारों ने 28000 सैनिक पेशवों को हराया था। जिसकी याद में प्रतेक वर्ष देश में मेले लगाये जाते है।
समागम को संबेधन करते हुए बलविंदर कुमार करतारपुर, डॉ इंद्रजीत कुमार कजला ने कहा कि खोजोवाल की धरती पर पहली बार भीमां कोरे गाओं का समर्पित समागम करवा कर इलाके में नई चेतना पैदा की है जोकि बहुत ही सराहनीय है और प्रबंधक कमेटी बधाई की पात्र है। बाबा साहिब ने कहा था जो कौमे अपना इतिहास भूल जाती है वह अपने न्ये इतिहास की सृजना नहीं कर सकती। दबे कुचले समाज को जागरूक करने के लिये लगातार यत्न करने होगे। भारतीय संविधान की बदौलत आज देश के प्रतेक नागरिक चाहे औरत हो य मर्द को बराबर मौलिक अधिकार मिले है, हमें भारतीय संविधान की सुरक्षा के लिये अपने प्राणों की बाजी लगाकर बचाना होगा। भारत मुक्ति मोर्चा पंजाब के प्रधान रजिंदर कुमार राणा ने कहा कि खोजेवाल के निवासी बहुत ही दूरदर्शी हैं जिन्होने इतिहास को याद करवाया है। हमें अपने रहबरों को कभी भूलना नहीं चाहिये और उनके बताये गये मार्ग पर चल कर समाज की बेहतरी के लिये अपना योगदान देना चाहिए।
इसके अलावा बसपा के जिला प्रधान राकेश कुमार दातारपुरी, जिला इंचार्ज हरदिंर कुमार शीतल आदि ने सांझे तौर पर कहा कि दुशमन ने हमोश अपनी कूटनिति के साथ हमें गुलाम बनाया और आज भी हमें लूटने और कूटने का काम कर रहा है। इन दुशमनों का मुकाबला करने के लिये एक झंडा, एक डंडा और एक नेता के अधीन कार्य करना होगा। इनके अलावा एससी/एसटी रेलवे कर्मचारी एसोसिएशन रेल कोच फैक्ट्री के जोनल प्रघान जीत सिंह, वर्किेग प्रधान रणजीत सिंह, पूर्व प्रधान पूरन सिंह, अंबेडकरी चिंतक निरवैर सिंह, भीम राव युवा फोर्स कपूरथला के प्रधान अमनदीप सहोता एवं अकाली दल अर्मितसर से बिधी सिंह आदि ने कहा कि गांव में लाइब्रेरी खोल के लड़के लड़कियों को किताबों से जोड़ने का उपराला किया गया है किताबों पढ़ने से जहां बौधिक सत्र मजबूत होगा वहीं आत्म विशवास भी बढ़ेगा। दुनिया में जितने भी बहुत बड़े विद्वान हुए है वह सभी लाइब्रेरीयों की देन है। इस मौके पर दलित सहित्य सभा आर सी एफ की ओर से 7000, डॉ. इंद्रजीत कजला 3000 और फूले अंबेडकरी प्रकाशन की ओर से 2500 रूपए की किताबे भेंट की गई।
समागम में विशेष तौर पर श्री गुरू रविदास सेवक सभा के प्रधान अमरजीत सिंह मल्ल, नैशनल वालमीक सभा से दीपक नाहर, ताजपुर से जस्सी सल्लण, भगवान वालमीक सभा जलंधर के प्रधान सोमा गिल्ल, पलविंदर सिंह सईपुर, मनीश विर्क, अंबेडकर सोयसटी आरसीएफ के सीनि. उप प्रधान संतोख राम जनागल, पूरन चंद बोध, जगदीश कुमार चंडालिया, मास्टर गुरमेज सिंह, मंड से साबी खुत्तन, सुरजीत सिंह, विशाल द्राविड़, शिंदा सींहमार एवं सोनू हंस आदि शामिल हुए। सोसायटी के प्रधान गुरमीत लाल ने पंतवंते सज्जनों ओर किताबें तथा आर्थिक सहयोग करने वाले सभी दानियों का धन्यवाद किया। प्रबंधक कमेटी की ओर से विशेष मेहमानों को बाबा साहिब की तसवीर और सिरोपे देकर सम्मानित किया गया।